Wednesday 13 January, 2010

अपने कौन?


तन ने जब गद्दारी की,
अहसास हुआ, हैं अपने कौन!
पल पल जिनसे प्यार किया 
हर पल जिसका ध्यान किया 
कटु अनुभव पा उनसे
अहसास हुआ, हैं अपने कौन!
जीवन साथी वो जनम जनम के
प्यार किसी?  से करते वो!!
व्याज सदा ही रहता होठों पर
अहसास दिलाता जो अपने कौन!
कोई जिये मरे  कोई
काम से बस   मतलब रखना है
सब आखिर अपने है!!
शान्त स्निग्ध धवल वो सुन्दर 
कलुषित बस जो समझ नही!!
बस एक चुभन के आगे 
जान पडा है अपने कौन?
सुन प्रीत मेरे देख जगत को
हर एक ने रीत यही निभाई है।
वो अलग नहीं इस भीड भेड से
अब तो जान है अपना कौन?


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